भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) की कप्तानी के दौरान Team India में कई स्टार खिलाड़ी शामिल हुए हैं। उनकी कप्तानी के दौरान ही विराट कोहली रविचंद्रन अश्विन रवींद्र जडेजा जैसे धाकड़ खिलाड़ी टीम में शामिल हुए। कई खिलाड़ियों को तो धोनी ने टीम में शामिल होने के लिए चांस दिया है लेकिन वही उनके टीम में होने की वजह से कई खिलाड़ियों का कैरियर भी खत्म हुआ है।
टीम इंडिया के लिए महेंद्र सिंह धोनी फिनिशर और विकेटकीपर की भूमिका अदा करते थे जिसके चलते किसी भी अन्य विकेटकीपर बल्लेबाज को राष्ट्रीय टीम का प्रतिनिधित्व करने का चांद नहीं मिल सका। कई खिलाड़ियों का क्रिकेट करियर तो पूरी तरह से खत्म हो गया है खिलाड़ियों को टीम में अपनी जगह पाने के लिए काफी इंतजार करना पड़ा।
इस आर्टिकल के जरिए जानिए उन पांच खिलाड़ियों के बारे में जिन्हें धोनी के युग में पदार्पण करने की सजा मिली है।
रिद्धिमान साहा
टीम इंडिया के विकेटकीपर बल्लेबाज रिद्धिमान साहा का क्रिकेट करियर अधिक दिनों तक नहीं चल सका। टीम में चांस मिलने के बाद भी यह खिलाड़ी प्लेइंग इलेवन में शामिल नहीं हो सका है। साल 2010 में टेस्ट क्रिकेट की दुनिया में अपना पहला कदम रखने वाले रिद्धिमान साहा को टीम में एमएस धोनी के होने के कारण अधिक मौके नहीं मिल सके।
हालांकि जब साल 2014 में धोनी द्वारा टेस्ट क्रिकेट के दौरान संन्यास की घोषणा की गई, उस समय से उन्हें टीम इंडिया में चांस मिलना शुरू हुए। लेकिन उनका एक बार फिर से ऋषभ पंत के आने के कारण पत्ता कट गया। उनके द्वारा भारत के लिए 40 टेस्ट और 9 वनडे क्रिकेट खेले गए हैं। इन्हीं कारणों के चलते अभी तक साहा टेस्ट क्रिकेट से संन्यास नहीं ले सके हैं।
नमन ओझा
इस लिस्ट में नमन ओझा का नाम भी शुमार है। टीम इंडिया में नमन ओझा को ना के बराबर ही चांस दिए गए हैं। अपनी विकेटकीपिंग के साथ-साथ टीम इंडिया का यह बल्लेबाज ताबड़तोड़ बल्लेबाजी के लिए भी जाना जाता है। लेकिन इसके बाद भी उसे टीम में जगह नहीं मिल सकी।
साल 2010 में वह अपना पहला टी20 पदार्पण खेलने में कामयाब रहे थे। उनको एमएस धोनी की गैरमौजूदगी में टीम का हिस्सा बनाया गया था। हालांकि उनके द्वारा इसके बाद एक टी20 मुकाबला खेला गया, वहीं साल 2015 में वह टेस्ट करियर के दौरान अपना पहला और अंतिम मुकाबला खेलने में कामयाब रहे।
पार्थिव पटेल
बतौर विकेटकीपर भारतीय टीम में अपनी जगह बनाने वाले पार्थिव पटेल महेंद्र सिंह धोनी की छाया में कहीं गुम हो गए हैं। जब तक टीम में एमएस धोनी की एंट्री नहीं हुई थी, तब तक पार्थिव पटेल को टीम इंडिया में लगातार चांस दिए जाते थे। टीम इंडिया में माही के शामिल होने से पहले पार्थिव पटेल द्वारा 25 टेस्ट मुकाबले खेले गए थे। लेकिन जब से टीम में धोनी की एंट्री हुई थी, तब से पार्थिव की किस्मत ने उनका साथ देना छोड़ दिया था। वह टीम में अपनी वापसी को लेकर तरसता नजर आया। लेकिन इसके बाद भी इस खिलाड़ी को टीम में जगह नहीं मिल सकी। लगातार नजरअंदाज होने के बाद साल 2018 में इस खिलाड़ी ने क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी। वनडे क्रिकेट के दौरान पटेल 35 मैच और टी20 के दो मुकाबले खेलने में कामयाब रहे।
दिनेश कार्तिक
आईपीएल 2022 में शानदार प्रदर्शन करने के बाद टीम इंडिया में दिनेश कार्तिक की वापसी हो सकी है। कभी एमएस धोनी के चलते दिनेश कार्तिक को नजरअंदाज किया गया, तो कभी ऋषभ पंत के चलते। साल 2004 में क्रिकेट डेब्यू करने वाला यह खिलाड़ी माही के कारण कई सालों तक टीम से बाहर रहा था। 17 साल की उम्र में फर्स्ट क्लास क्रिकेट में पदार्पण करने वाले दिनेश कार्तिक साल 2004 में रेगुलर विकेट कीपर के रूप में भारतीय टीम में चयनित किए गए थे।
लेकिन साल 2005 में टीम इंडिया में धोनी के आने के बाद उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। हालांकि धोनी के संन्यास लेने के बाद फिर उन्हें ऋषभ पंत के कारण नजरअंदाज किया गया। लेकिन अब दिनेश कार्तिक अपनी टीम में निश्चित जगह बनाने में कामयाब हो चुके हैं। लेकिन उम्र के चलते बहुत अधिक दिनों तक वह इस जगह पर नहीं टिक सकेगे। अनुमान लगाया जा रहा है टी20 वर्ल्ड कप 2022 के बाद वह क्रिकेट से संन्यास ले सकते है।
रॉबिन उथप्पा
रॉबिन उथप्पा का नाम भी उन्हीं खिलाड़ियों में शामिल है, जिनका करियर एमएस धोनी के चलते खत्म हो गया। बल्लेबाजी के साथ-साथ रॉबिन की फिटनेस और विकेट कीपिंग की फॉर्म भी बेहतरीन थी। लेकिन इस खिलाड़ी को भारतीय टीम में बतौर विकेटकीपर शामिल नहीं किया गया। इस खिलाड़ी को लगातार नजरअंदाज किया गया, भारतीय टीम के पूर्व कोच चैपल द्वारा भी उन्हें टीम में शामिल किया गया था।
भारतीय टीम के बेस्ट सलामी बल्लेबाजों में रॉबिन उथप्पा का नाम शामिल है। भारतीय टीम के लिए उनके द्वारा कई बेहतरीन पारियां खेली गई हैं। अपने वनडे करियर में उथप्पा 40 टेस्ट और 13 टी20 मैच खेले हैं। भारतीय टीम के लिए उथप्पा एक बेहतरीन विकेटकीपर साबित हो सकते थे, लेकिन धोनी की मौजूदगी के दौरान इस खिलाड़ी को भारतीय टीम में शामिल नहीं किया जा सका।
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