T20 World Cup 2022 की शुरुआत 16 अक्टूबर से आस्ट्रेलिया में हो चुकी है। लेकिन इस वर्ल्ड कप में सुपर -12 के मुकाबलों की शुरुआत आज से होगी। जिसमें भारत का पहला मुकाबला अपनी चिर प्रतिद्वंदी टीम पाकिस्तान के साथ 23 अक्टूबर को मेलबर्न में 1:30 बजे से खेला जाएगा। इस मुकाबले को सेमीफाइनल से पहले का मुकाबला बताया जा रहा है।
इस महामुकाबले की शुरुआत से पहले espncricinfo के आंकड़ों के आधार पर दोनों टीमों में शामिल 22 खिलाड़ियों के प्रदर्शन को देखने के बाद उनकी स्टैंड और वीकनेस को एनालिसिस के आधार पर निकाला गया जिससे पता चला की “पाकिस्तानियों की अपेक्षा भारतीय बल्लेबाजों का स्ट्राइक रेट अधिक है।”
आइए आगे बात करते हैं इन दोनों टीमों में शामिल होने वाले 11-11 खिलाड़ियों के बारे में कि आखिर कौन से खिलाड़ियों को इस दुख सुख में चांस मिल सकता है और उनका t20 अंतरराष्ट्रीय में ट्रैक रिकॉर्ड कैसा है इसके साथ ही खिलाड़ी की मजबूती और कमजोरी भी क्या हो सकती है।
भारत और पाकिस्तान की पॉसिबल प्लेइंग XI
भारत
भारत के पॉसिबल प्लेइंग इलेवन में शामिल खिलाड़ियों में सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में रोहित शर्मा (कप्तान), केएल राहुल, विराट कोहली, सूर्यकुमार यादव, दिनेश कार्तिक के नाम शामिल है।
वही आलराउंडर खिलाड़ियों में हार्दिक पांड्या और अक्षर पटेल का नाम शामिल है।
इसके साथ सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज में युज़वेंद्र चहल, भुवनेश्वर कुमार, अर्शदीप सिंह, और मोहम्मद शमी के नाम शामिल हैं।
पाकिस्तान
पाकिस्तान की पॉसिबल प्लेइंग इलेवन में शामिल खिलाड़ियों में सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज बाबर आजम (कप्तान), मोहम्मद रिजवान, फखर जमान, हैदर अली, इफ्तिखार अहमद, के नाम शामिल है।
वही आलराउंडर खिलाड़ियों में मोहम्मद नवाज और शादाब खान के नाम शामिल हैं।
इसके साथ-साथ सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजों में नसीम शाह, शाहीन शाह अफरीदी, हारिस रऊफ और मोहम्मद हसनैन के नाम शामिल हैं।
सभी खिलाड़ियों के ट्रैक रिकॉर्ड –
रोहित शर्मा बनाम बाबर आजम
मजबूती:- रोहित शर्मा अपने पहले ही ओवर के दौरान गेंदबाज और विपक्षी टीम को दबाव में लाने के प्रयास के साथ ही आक्रामक बल्लेबाजी में भी माहिर हैं, उनके द्वारा इस साल 141.28 की औसत से रन बनाए गए हैं। वही बाबर आजम के कवरड्राइव की तुलना विराट कोहली के साथ की जाती है। बल्लेबाजी में निरंतरता के साथ-साथ बाबर एक स्ट्रोकिंग प्लेयर और मैदान पर कूल भी नजर आते हैं। उनकी बल्लेबाजी में भी निरंतरता देखी जा सकती है। इस साल उनके द्वारा 19 मैचों में 611 रन बनाए गए।
कमजोरी:- हिटमैन सीधी गेंद पर तो दुनिया के बेस्ट बल्लेबाज साबित हो सकते हैं, लेकिन गेंद के स्विंग होने के बाद रोहित शर्मा अपना विकेट गंवाने की कगार तक पहुंच सकते हैं। वही स्विंग और लेग स्पिनर की गुगली पर पाकिस्तानी कप्तान बाबर आजम कई बार विकेट गवाते नजर आए हैं। मैदान पर अपनी धाक जमाने में उनको काफी समय लगता है, जिससे दूसरे खिलाड़ियों का भी स्ट्राइक रेट बिगड़ जाता है।
केएल राहुल बनाम मोहम्मद रिजवान
मजबूती:- जहां केएल राहुल फास्ट बॉलर और स्पिन गेंदबाज दोनों के साथ बहुत ही अच्छा खेलने की काबिलियत रखते हैं। वहीं मोहम्मद रिजवान टीम को अच्छी शुरुआत देने के साथ-साथ बड़ी पारी खेलने में माहिर हैं। इस समय उनकी गिनती टी20 क्रिकेट में दुनिया के नंबर वन बल्लेबाजों में होती है। 18 मैचों में 54.73 की औसत के साथ उनके द्वारा 821 रन बनाए गए है।
कमजोरी:- जहां राहुल बड़े बड़े टूर्नामेंट के दौरान खेले गए बड़े-बड़े मैचों में फ्लॉप साबित हो जाते हैं, साल 2019 के वर्ल्ड कप से उनका यही हाल चल रहा है। वहीं मोहम्मद रिजवान अधिक स्कोर करने की कोशिश में कई बार लेग साइड में कैच थमा बैठते हैं।
विराट कोहली बनाम फखर ज़मान
मजबूती:- टीम इंडिया के पूर्व कप्तान विराट कोहली इस समय t20 क्रिकेट में बेहद ही शानदार फॉर्म में चल रहे हैं। t20 वर्ल्ड कप मे भी इस खिलाड़ी के बल्ले से जमकर रन बनाए जाते हैं, एशिया कप के आखिरी मैच में उनके द्वारा 61 गेंदों पर 122 रनों की पारी खेली गई 76 की औसत से विराट t20 क्रिकेट में रन बना चुके हैं। वही फखर ज़मान बड़े-बड़े शॉट लगाने की काबिलियत रखते हैं साल 2017 की चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में फखर ज़मान भारत के खिलाफ धुआंधार शतक लगाते हुए टीम को मैच जिताने में कामयाब साबित हुए थे।
कमजोरी:- जहां विराट कोहली बाएं हाथ के तेज गेंदबाज और लेग स्पिनर को अच्छी तरह से खेलने में नाकाम रहते है। वहीं फखर ज़मान को इनस्विंग बॉल खेलने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
सूर्यकुमार यादव बनाम हैदर अली
मजबूती:- टीम इंडिया के 360 डिग्री खिलाड़ी सूर्यकुमार यादव हर तरह के शॉट खेलने की काबिलियत रखते हैं। उनके द्वारा इस साल 184 की स्ट्राइक रेट के साथ 801 रन बनाए गए। वही हैदर अली इस वर्ल्ड कप के दौरान टीम के मध्यक्रम में सबसे बेहतरीन बल्लेबाज साबित हो सकते हैं। बड़े बड़े शॉट खेलने की काबिलियत रखने वाले हैदर अली 31 मुकाबलों में 497 रन बना चुके हैं।
कमजोरी:- सूर्यकुमार यादव बाएं हाथ के तेज गेंदबाजों के सामने अच्छा प्रदर्शन करने में नाकाम साबित होते हैं। इसके साथ ही बड़े मुकाबलों के दौरान उनका कुछ खास प्रदर्शन नहीं हो सका। वही खराब फॉर्म से जूझ रहे अली इस साल 10 मैचों में 11 की औसत से मात्र 91 रन बनाने में कामयाब रहे।
हार्दिक पांड्या बनाम शादाब खान
मजबूती:- जहां हार्दिक पांड्या एक अच्छे फिनिशर के साथ स्पिन गेंदबाजी के दौरान गति पर नियंत्रण रखते हुए गेंद सही जगह गिराते हैं वही स्पिन गेंदबाजों को बड़े-बड़े छक्के लगाने वाले शादाब खान आवश्यकता पड़ने पर टीम को विकेट निकाल कर देते हैं।
कमजोरी:- हार्दिक पांड्या का ऑस्ट्रेलिया में वह दमदार प्रदर्शन नजर नहीं आ रहा है। अक्सर चोट के चलते खेलने में नाकाम साबित हो रहे हार्दिक 10.91 की इकोनामी से रन देते हैं। वही भारत के खिलाफ शानदार प्रदर्शन न कर पाने वाले शादाब खान शुरू के ओवरों में रन पड़ जाने पर वापसी नहीं कर पाते हैं। इसके साथ ही वह 3 टी20 मुकाबलों के दौरान मात्र 3 विकेट ही ले सके हैं।
दिनेश कार्तिक बनाम इफ्तिखार अहमद
मजबूती:- इस साल 150.82 की स्ट्राइक रेट से रन बनाने की काबिलियत रखने वाले कार्तिक आखिरी ओवरों के दौरान बड़े-बड़े शॉट लगा सकते हैं। वही इफ्तिखार अहमद गेंदबाजी और बल्लेबाजी दोनों में ही पाकिस्तान का सहयोग करते हैं। बल्लेबाजी के दौरान वह एंकर के रोल निभाते नजर आ सकते है।
कमजोरी:- जहां बड़े-बड़े टूर्नामेंट के दौरान कार्तिक कुछ खास कमाल नहीं दिखा सके। वही अपने बल्ले से फ्लॉप साबित हुए इफ्तिखार इस साल 117 की औसत के साथ 282 रन बनाने में कामयाब रहे।
अक्षर पटेल बनाम मोहम्मद नवाज
मजबूती:- पावर प्ले और मिडिल ओवर में अच्छी गेंदबाजी करने वाले अक्षर पटेल ने क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट के दौरान बेहद शानदार प्रदर्शन किया है, आवश्यकता पड़ने पर गेंदबाजी के साथ-साथ बल्लेबाजी में भी माहिर हैं। वही इस साल 137 के स्ट्राइक रेट से बल्लेबाजी करने वाले मोहम्मद नवाज गेंद को बाउंड्री के बाहर फेंकने की काबिलियत रखते हैं।
कमजोरी:- रवींद्र जडेजा के चोटिल होने के बाद मैदान में शामिल हुए अक्षर पटेल को जहां बड़े-बड़े टूर्नामेंट में खेलने का कुछ एक्सपीरियंस नहीं है। वही मोहम्मद नवाज बाउंड्री लगने के बाद शॉट पिच पर गेंदबाजी करने लगते हैं। बल्लेबाज इसका फायदा उठाते हुए बड़े-बड़े शॉट लगाना शुरू कर देते है।
भुवनेश्वर कुमार बनाम हारिस रऊफ
मजबूती:- एशिया कप के दौरान टीम इंडिया के लिए सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज खिलाड़ी भुवनेश्वर कुमार गेंद को स्विंग कराने की काबिलियत रखते हैं। इसके साथ ही 145 से 150 की स्पीड में गेंदबाजी करने वाले हारिस 16 मैचों में 20.21 की औसत के साथ 3 विकेट झटकने में कामयाब रहे हैं।
कमजोरी:- डेथ ओवरों में काफी महंगे साबित होने वाले खिलाड़ी भुवनेश्वर कुमार का इस टूर्नामेंट के दौरान कुछ खास प्रदर्शन नहीं कर सके। एशिया कप के दौरान पाकिस्तान के खिलाफ उनके डेथ ओवर में गेंदबाजी के चलते ही टीम को हार का सामना करना पड़ा।
अर्शदीप सिंह बनाम नसीम शाह
मजबूती:- यह युवा गेंदबाज डेथ ओवर और पावर प्ले में शानदार गेंदबाजी के लिए जाना जाता है। वही एशिया कप के दौरान अपनी शानदार गेंदबाजी से सबको प्रभावित करने वाले नसीम शाह 145 की स्पीड से गेंदबाजी करने की काबिलियत रखते हैं।
कमजोरी:- जहां शुरुआती ओवर पडने के बाद वापसी करने में कठिनाई होती है। ऑस्ट्रेलिया में भी इन्हें खेलने का कोई अनुभव नहीं है। वही एक बार लाइन लेंथ बिगड़ने पर नसीम शाह के सामने किसी भी बल्लेबाज द्वारा बड़े शॉट खेले जा सकते हैं।
मोहम्मद शमी बनाम शाहीन अफरीदी
मजबूती:-ऑस्ट्रेलिया में खेलने के अनुभव के साथ साथ सीम और स्विंग दोनों गेंदबाजी कराने में माहिर हैं। वहीं शाहीन अफरीदी भारत के बल्लेबाजों को परेशान करने का दम रखते हैं। रोहित और राहुल जैसे खिलाड़ी इस बाएं हाथ के गेंदबाज के सामने नहीं टिक पाते।
कमजोरी:- टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 10 की इकॉनमी रखने वाले मोहम्मद शमी 1 साल बाद अंतरराष्ट्रीय टी20 क्रिकेट में अपनी वापसी कर रहे हैं। वही शाहीन अफरीदी के दौरान महंगे साबित होते है।
युज़वेंद्र चहल बनाम मोहम्मद हसनैन
मजबूती:- टी20 क्रिकेट में दुनिया के सबसे शानदार लेख स्पिनरों में से एक यूज़वेंद्र चहल ऑफ स्टंप के बाहर फेंक कर बड़े-बड़े बल्लेबाजों को परेशान करने की काबिलियत रखते हैं इसके साथ ही मोहम्मद हसनैन एक युवा गेंदबाज है और 140 के ऊपर की स्पीड रखने वाले हसनैन को बिग बैश लीग में भी खेलने का अनुभव प्राप्त है।
कमजोरी:- इस साल खराब फार्म में चल रहे युज़वेंद्र चहल 19 टी20 मैचों में 21 विकेट ही ले सके थे। उनकी इकॉनमी भी 7 से अधिक है। वही हसनैन के गेंदबाजी एक्शन बदलने पर सवाल उठाए जा चुके हैं। अपने एक्शन बदलने के बाद अधिकतर मैचों में यह खिलाड़ी महंगा साबित होता है।
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