BCCI पर Selection Committee ने लगाए गंभीर आरोप, कहीं ऐसी बातें

BCCI द्वारा बर्खास्त की गई Selection Committee ने आरोप लगाया गया है, कि T20 वर्ल्ड कप में टीम इंडिया के खराब प्रदर्शन को लेकर आखिर उन्हें ही क्यों जिम्मेदार ठहराया गया है। टी20 और वनडे की कप्तानी से विराट कोहली को हटाने से लेकर टीम में कौन से खिलाड़ियों का चयन किया जाएगा। उसमें BCCI के टॉप अधिकारियों और टीम मैनेजमेंट की सलाह को ही प्राथमिकता दी गई है। अब जब कुछ भी काम नहीं आया, तो सारा दोष सेलेक्शन कमेटी के सिर पर ही क्यों मढ दिया गया।

T20 वर्ल्ड कप के दौरान इंग्लैंड के खिलाफ खेले जा रहे सेमीफाइनल मुकाबले में भारतीय टीम को 10 विकेट से शिकस्त का सामना करना पड़ा था जिसके चलते टीम इंडिया की कटु आलोचना हो रही थी और इसी बात को लेकर बीसीसीआई के काम पर भी कई सवाल उठाए जा रहे थे इसके बाद 18 नवंबर को चेतन शर्मा की अगुवाई वाली बीसीसीआई चयन समिति के 4 सदस्यों को बर्खास्त कर नई कमेटी के लिए लेकिन कैंसिल कमेटी के सदस्यों द्वारा भी बीसीसीआई पर आरोप लगाए गए हैं।

टॉप अधिकारियों के कहने पर ही लिए गए निर्णय

यह बात सभी जानते हैं कि भारतीय टीम को लेकर लिए गए सभी बड़े फैसले बिना बीसीसीआई के टॉप अधिकारियों की सहमति के नहीं लिए जा सकते हैं। वनडे की कप्तानी से विराट कोहली को हटाने का फैसला भी बीसीसीआई के टॉप अधिकारियों द्वारा ही लिया गया था वही टीम में रोटेशन नीति के तहत खिलाड़ियों को आराम और नए खिलाड़ियों को मौका भी बीसीसीआई के टॉप अधिकारियों के सुझाव पर ही दिया गया अब हमारे ऊपर यह आरोप क्यों लगाए जा रहे हैं कि 9 महीनों में हमने 8 कप्तान बनाए हैं क्योंकि यह फैसले भी हमारे अपने नहीं है बीसीसीआई के टॉप अधिकारियों की तरफ से ही इस बात को लेकर भी गाइड किया गया था अब जब सारे प्रयोग फेल हो चुके हैं तो सारा ठीकरा चयन समिति के सर पर ही फोड़ना कहां तक उचित है।

वर्ल्ड कप में शमी को शामिल करने का फैसला भी टीम मैनेजमेंट का

चयनकर्ता ने आगे बताया कि T20 वर्ल्ड कप के रिजल्ट खिलाड़ी के तौर पर शामिल किए गए मोहम्मद शमी को भीअधिकारियों के सुझाव पर ही शामिल किया गया बाद में टीम में जगह उन्हें बुमराह के चोटिल होने के बाद दी गई।

क्यों नहीं खिलाड़ी और टीम मैनेजमेंट दोषी

चयन कमेटी द्वारा टीम मैनेजमेंट की डिमांड पर ही नए खिलाड़ियों को मौका और टी-20 वर्ल्ड कप के लिए 15 खिलाड़ी की स्क्वायड और रिजर्व खिलाड़ियों को शामिल किया गया। जब सब कुछ बीसीसीआई के सुझाव और टीम मैनेजमेंट के निर्णय पर हुआ। तो फिर समिति ही दोषी क्यों ठहराई गई। टीम के खराब प्रदर्शन को लेकर टीम मैनेजमेंट के अधिकारी और खिलाड़ियों को भी दोषी ठहराना चाहिए, और उन पर सख्त कार्रवाई भी करनी चाहिए।

आखिर किन कारणों के चलते सिलेक्शन कमिटी को किया गया बर्खास्त

बड़े टूर्नामेंट के दौरान टीम का खराब प्रदर्शन

चेतन शर्मा के चयन कमेटी के अध्यक्ष बनने के बाद टी-20 के 3 बड़े टूर्नामेंट का आयोजन किया गया, जिसमें टीम इंडिया का प्रदर्शन बेहद खराब रहा। T20 वर्ल्ड कप 2021 में भारतीय टीम सेमीफाइनल के सफर तक पहुंचने में नाकाम रही थी वहीं एशिया कप में भारतीय टीम टॉप 4 में जगह बनाने में नाकाम रही। और वहीं इस साल आस्ट्रेलिया की सरजमी पर होने वाले T20 वर्ल्ड कप में भी भारतीय टीम सेमीफाइनल मुकाबले को 10 विकेट से हार गई।

फ्यूचर प्लान की कमी

फ्यूचर प्लान की कमी भी सिलेक्शन कमेटी के पास नजर आई। 2021 वर्ल्ड कप के दौरान भारतीय टीम सेमीफाइनल के दौर से बाहर होने के बाद भी सिलेक्शन कमिटी लगभग 1 साल में टॉप ऑर्डर का विकल्प तैयार करने में नाकाम रही। वहीं रवींद्र जडेजा और जसप्रीत बुमराह के बार-बार चोटिल होने के बाद भी उनका उचित विकल्प खोजने में कमेटी नाकाम साबित हुई।

T20 वर्ल्ड कप के लिए गलत टीम का चयन

T20 वर्ल्ड कप के लिए सिलेक्शन कमिटी द्वारा 15 खिलाड़ियों का चयन किया गया, उस पर भी कई सवाल उठाए गए। आर अश्विन और मोहम्मद शमी जैसे खिलाड़ियों को जहां 1 साल से टी-20 में चांस नहीं मिल पा रहा था। वही T20 वर्ल्ड से कुछ दिनों पहले ही उनको कुछ मैचों में शामिल करना और बाद में टी-20 वर्ल्ड कप के स्क्वाड में शामिल करना कहां तक सही था। वही 1 साल में राहुल चाहर, वेंकटेश अय्यर और वरुण चक्रवर्ती जैसे खिलाड़ियों को आजमाया तो गया, लेकिन उन्हें चांस नहीं दिया जा सका।

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