IND vs AUS : भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के अंतर्गत तीसरा टेस्ट मुकाबला खेला जा रहा है। जिसमें भारतीय टीम पर पहले और दूसरे दिन ऑस्ट्रेलियाई टीम का दबदबा नजर आया। दूसरे दिन के मुकाबले के समाप्त होने के बाद भारतीय टीम के मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज Cheteshwar Pujara द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से चर्चा करते हुए बताया गया, कि खेल की समाप्ति तक उन्होंने मैदान पर किन-किन बातों पर विशेष अनुभव किया।
इस मुकाबले के दौरान चेतेश्वर पुजारा ही एक ऐसे बल्लेबाज रहे, जो 142 गेंदों पर सबसे ज्यादा 59 रन बनाने में कामयाब रहे।
ऐसे आउट हुए पुजारा
जिस समय चेतेश्वर पुजारा और अक्षर पटेल क्रीज पर टिककर बल्लेबाजी कर रहे थे, उसी समय रोहित शर्मा द्वारा ईशान किशन के माध्यम से उन तक यह संदेश पहुंचाया गया, कि ज्यादा डिफेंस में रहकर ना खेलें।
इसके बाद चेतेश्वर पुजारा द्वारा एक छक्का अवश्य जडा गया, लेकिन उसके कुछ ही समय बाद वह स्टीव स्मिथ के हाथों कैच आउट हो गए। जहां अपना विकेट गिरने पर अब उन्होंने एक बहुत बड़ा बयान देते हुए बताया कि,
पुजारा ने दिया बड़ा बयान
चेतेश्वर पुजारा द्वारा अपने विकेट पर बयान देते हुए बताया गया कि,
“यह बल्लेबाजी के लिए कठिन पिच है. यहां बल्लेबाजी करना थोड़ा मुश्किल है. आपको अपने डिफेंस पर भरोसा करने की जरूरत है क्योंकि गेंद को पिच तक पहुंचने और लंबाई को जल्दी आने की कोशिश की जा सकती है।”
सिर्फ इतना ही नहीं चेतेश्वर पुजारा यह बात भी अच्छे से समझते हैं कि सिर्फ इतने रन ही पर्याप्त नहीं है, लेकिन फिर भी जीतने का मौका तो अवश्य है। ऐसी पिचों पर सबसे ज्यादा बेहतर यही रहेगा कि संतुलन बनाए रखने का प्रयास किया जाए।
अपने विकेट को लेकर कह दी यह बात
चेतेश्वर पुजारा ने आगे बताया कि,
“जब भी मुझे लूज डिलीवरी मिलती थी, तो मैं उसे तरकीब लगाकर दूर करने की कोशिश करता था. जब नाथन लायन गेंदबाजी कर रहे थे तो उस वक्त मेरी यही रणनीति थी कि मैं स्ट्राइक रोटेट करू।”
अपने कैच आउट होने पर पुजारा ने बताया कि,
“मैं इससे थोड़ा निराश हूं. अगर अक्षर के साथ थोड़ी और साझेदारी होती तो नतीजा कुछ और होता।”
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