Deepak Chahar Mankad : भारत और साउथ अफ्रीका के बीच इंदौर में खेले गए आखिरी तीसरे टी20 मैच के दौरान टीम इंडिया को 49 रनों से शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा। लेकिन फिर भी भारत इस सीरीज को 2-1 से अपने नाम करने में कामयाब रहा। ‌इसके बाद टीम इंडिया द्वारा टी20 वर्ल्ड कप की तैयारियां शुरू कर दी गई है, लेकिन भारत बनाम साउथ अफ्रीका के खिलाफ हुए आखिरी टेस्ट मैच के दौरान ऐसा कुछ घटित हुआ, जिसको लेकर सोशल मीडिया पर काफी बहस छिड़ गई है।

दीपक चाहर की छोटी सी गलती पर छिड़ी बहस

हुआ कुछ ऐसा कि इस मैच के दौरान भारतीय टीम के गेंदबाज दीपक चाहर द्वारा साउथ अफ्रीकी बल्लेबाज को मांकड रन आउट करने की कोशिश की गई। लेकिन यह उनके द्वारा दी गई सिर्फ एक चेतावनी मात्र थी। असलियत में तो रन आउट किया ही नहीं गया। लेकिन यह समझ में नहीं आया कि फिर दीपक चाहर ने ऐसा क्यों किया, हालांकि खेल भावना को देखते हुए तो उनके इस नजरिए की तारीफ की जा सकती है, लेकिन जब नियमों के विरुद्ध यह गलत नहीं था तो फिर उनके द्वारा यह रनआउट क्यों नहीं किया गया।

इसी बात को लेकर सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है। जब इस मैच में साउथ अफ्रीका की पारी के 16वें ओवर की शुरुआत होने वाली थी, तब टीम इंडिया की तरफ से दीपक चाहर द्वारा गेंदबाजी की गई। दीपक चाहर ने साउथ अफ्रीकी गेंदबाज के टी. स्टब्स को ओवर की पहली गेंद डालने से ठीक पहले मांकड़ रनआउट करना चाहा। गेंद फेंकने से पहले ही स्टब्स क्रीज से बाहर चले गए थे। उसी समय दीपक चाहर गेंद फेंकने से ठीक पहले थोड़ा रुके, और अपनी गेंद को स्टम्प्स की तरफ फेंकने का इशारा करते हुए रन आउट नहीं किया और आखरी में एक स्माइल देते हुए चले गए।

दीपक चाहर ने ऐसा करके क्या सही किया

भारत बनाम इंग्लैंड की महिला टीम के बीच अभी कुछ समय पहले ही लॉर्ड्स में टी20 मैच के दौरान चार्ली डीन को दीप्ति शर्मा द्वारा भी इसी तरह से रन आउट किया गया था जिसके बाद एक बहुत लंबी बहस छिड़ गई थी क्योंकि इंग्लैंड के मौजूदा और पूर्व क्रिकेटर द्वारा इस रनआउट को खेल भावना के विपरीत बताया गया लेकिन भारतीय टीम द्वारा आईसीसी के नियमों का हवाला देते हुए साफ कह दिया कि जो कुछ भी हुआ है वह नियमों के तहत है।

ICC के नए नियमानुसार मान्य होगा यह रन आउट

1 अक्टूबर से लागू होने वाले आईसीसी के नए नियमों के अनुसार इसे रनआउट ही माना जाएगा, इसे मांकड कहना भी गलत है, और अब इस रन आउट में कहीं भी खेल भावना का जिक्र भी नहीं किया जाना चाहिए। क्योंकि नियमों के अनुसार पहले भी यह रनआउट ही था, लेकिन उस समय इसे खेल भावना के विपरीत माना जाता था लेकिन अब ऐसा नहीं है।

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