T20 World Cup के दौरान भारतीय टीम का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा। वह इंग्लैंड के खिलाफ खेले गए सेमीफाइनल मुकाबले में हार कर इस वर्ल्ड कप की रेस से बाहर हो गई थी। अब भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) द्वारा इस हार के मामलों की जांच करना शुरू कर दिया गया है। इस कड़ी में शुक्रवार (18 नवंबर) को BCCI ने चेतन शर्मा की अगुवाई वाली राष्ट्रीय चयन समिति को बर्खास्त कर दिया है। जानकारी के मुताबिक अब आने वाले समय में Rohit Sharma को लेकर भी BCCI बड़ा फैसला ले सकती है।
पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार BCCI द्वारा नई चयन समिति के लिए आवेदन आमंत्रित करने के साथ ही कुछ लक्ष्य भी निर्धारित किए गए है। भारतीय टीम की इस नई चयन समिति का सबसे पहला काम अलग फॉर्मेट के लिए एक अलग कप्तान बनाना होगा।जब भी नई चयन समिति इस कार्यभार को संभालेगी, उसे तीनों प्रारूपों में कप्तान चुनना होगा। जिसके चलते अब बीसीसीआई अलग-अलग कप्तानों के अनुरूप चलेगी।
वर्ल्ड कप के लिए हार्दिक को मिलेगी जिम्मेदारी
रिपोर्ट के अनुसार वनडे और टेस्ट क्रिकेट में कप्तान रोहित शर्मा रहेंगे, जबकि यूएसए और वेस्टइंडीज में होने वाले 2024 टी20 विश्व कप तक के लिए सबसे छोटे प्रारूप में भारतीय टीम के कप्तान हार्दिक पांडया बन जाएंगे। फिलहाल न्यूजीलैंड के खिलाफ खेली जारी टी20 सीरीज में हार्दिक टीम इंडिया की कप्तानी करते नजर आ रहे हैं। अगर बतौर कप्तान हार्दिक अच्छा प्रदर्शन करने में कामयाब रहे, तो हार्दिक के लिए लिए गए इस फैसले पर हमेशा के लिए मुहर लग जाएगी।
कप्तानी में हार्दिक ने किया प्रभावित
29 वर्षीय हार्दिक पांड्या इस साल अपने आप को एक लीडर के तौर पर पेश करने में कामयाब रहे। उनके अंदर मौजूद जबरदस्त नेतृत्व की क्षमता को पूरी दुनिया देख रही है। बल्ले और गेंद दोनों से शानदार खेल दिखाने की काबिलियत रखने वाले हार्दिक पांड्या की यही फितरत उन्हें अन्य खिलाड़ियों से अलग बनाती है।
आईपीएल 2022 की शुरुआत से पहले शायद ही किसी क्रिकेट विशेषज्ञ द्वारा गुजरात टाइटंस को जीत का प्रबल दावेदार बताया गया हो, लेकिन हार्दिक पांड्या की कप्तानी के दौरान दमदार प्रदर्शन के चलते ही गुजरात टाइटंस आईपीएल चैंपियन बन गई। आईपीएल 2022 में खेले 15 मैचों के दौरान हार्दिक 44.27 की औसत के साथ 487 रन बनाने में कामयाब रहे, जिसमें 4 अर्धशतक भी मौजूद थे। इसके साथ-साथ उनके द्वारा गेंदबाजी में भी बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए 8 विकेट चटकाए गए।
कप्तानी और बल्लेबाजी दोनों में ही रोहित रहे फ्लॉप
साल 2013 की चैंपियंस ट्रॉफी के बाद से भारत किसी भी प्रकार की आईसीसी ट्रॉफी का खिताब जीतने में नाकाम रहा। ऐसे में सभी आशा लगाए थे, कि इस बार खिताबी ट्रॉफी जीतकर रोहित शर्मा इस सूखे को खत्म करने में कामयाब होंगे। लेकिन आईसीसी के नॉकआउट खेलों के दौरान भारतीय टीम के निराशाजनक प्रदर्शन में रोहित किसी प्रकार का सुधार नहीं कर सके। इंग्लैंड के खिलाफ सेमीफाइनल मुकाबले के दौरान रोहित की कप्तानी भी कोई खास रंग न जमा सकी। पूरे टूर्नामेंट के दौरान रोहित की बल्लेबाजी का प्रदर्शन खराब रहा। और वह छह मुकाबलों में 19.33 की औसत से मात्र 116 रन बनाने में कामयाब रहे। इसके साथ ही इस दौरान उनका स्ट्राइक रेट 106.42 रहा जोकि काफी खराब रहा।
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