उच्च सदन में विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए श्रम एवं रोजगार मंत्री संतोष कुमार गंगवार ने कहा कि यह मजदूरों को न्यूनतम वेतन तथा देश के 50 करोड़ कामगारों को समय पर वेतन भुगतान सुनिश्चित करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है।
राज्यसभा ने मजदूरी संहिता 2019 संबंधी विधेयक को मंजूरी दे दी जिसमें मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी सुनिश्चित करना, कारोबार अनुकूल माहौल को बढ़ावा देना सहित श्रमिक कल्याण को मजबूत बनाया गया है।
राज्यसभा में इस बिले के समर्थन में 85 वोट पड़े जबकि इसके विरोध में 8 लोगों ने मतदान किया। इसे लोकसभा में 30 जुलाई को पारित किया गया था। अब राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद यह विधेयक कानून का रूप ले लेगा।
पेशागत सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं कार्य दशा विधेयक 2019 और वेतन विधेयक 2019 पेश किए गए हैं। इन दोनों कोड के लागू होने के साथ ही 17 मौजूदा कानून निष्प्रभावी कर दिए जाएंगे क्योंकि इन कानूनों के सारे प्रावधान इन कोडों में किया गया है। पेशागत सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्य दशा संबंधी विधेयक में 13 केंद्रीय श्रम कानूनों का विलय किया गया है और उन्हें तर्कसंगत बनाया गया है।
इन कानूनों में कई महत्वपूर्ण बदलाव भी किए गए हैं। यह कानून उन सभी संस्थानों पर लागू होगा, जहां दस या इससे ज्यादा कर्मचारी काम करते हों। लेकिन माइनिंग और डॉक के कर्मचारी इसमें शामिल नहीं होंगे। सिनेना और थिएटर कर्मचारियों के साथ डिजिटल ऑडियो-विजुअल कर्मचारी और सभी तरह के इलेक्ट्रानिक मीडिया को भी शामिल किया गया है। इसमें इलेक्ट्रॉनिक के साथ ई-पेपर, रेडियो और अन्य मीडिया संस्थानों के पत्रकार भी शामिल होंगे।