आगरा आयल (mustard oil) के प्रबंध निदेशक की मानें तो मध्य प्रदेश के इंदौर, उज्जैन, मंदसौर, देवास और जावरा, राजस्थान की कोटा, हरियाणा की सिरसा, इटावा व मैनपुरी मंडी में सोयाबीन की आवक करीब पांच लाख बोरी ही हुई है। दाम भी 5175-5400 रुपये प्रति क्विंटल से घटकर 4900-5100 रुपये प्रति क्विंटल रह गए है।
कारोबारियों का मानना है कि मध्यप्रदेश मे इस बार 58.84 लाख हेक्टेयर के बजाय 63.05 लाख हेक्टेयर व महाराष्ट मे 40.40 लाख हेक्टेयर के बजाय 50 लाख हेक्टेयर पर सोयाबीन की खेती हुई है।
केन्द्र सरकार ने कच्चे पाम तेल पर आयात शुल्क को दस फीसद से घटाकर 2.5 फीसद कर दिया है। जबकि कच्चे सोया तेल और कच्चे सूरजमुखी तेल पर इसे 7.5 फीसद से घटाकर 2.5 फीसद कर दिया गया है। बाजार में सोयाबीन व मूंगफली के दामो मे दिसंबर माह मे गिरावट दर्ज की गई है।
सरसों तेल की डिमांड भी कम है, ऐसे मे सरसो तेल के दाम मे विगत एक सप्ताह की तुलना मे सात रुपये प्रति लीटर की गिरावट दर्ज की गई। उम्मीद है कि यह गिरावट ओर आएगी, ऐसे मे सरसो तेल की मिलें बंद कर दी गई हैं। उन्होने बताया कि सरसों का तेल थोक में 23 अक्तूबर 21 यानी शनिवार को 170 से 175 रुपये प्रति लीटर रहा है।
रिटेल बाजार में यह भाव 180 रुपये प्रति लीटर तक पहुचा है। 15 जून 21 को सरसों के तेल के दाम थोक में 145 रुपये प्रति लीटर रहे थे। लेकिन मंडी में मांग के सापेक्ष सरसों की आवक कम होने के कारण तेल के दाम बढने लगे थे। उन्होंने बताया कि आगरा में सरसों की दो बडी मंडी खेरागढ़ कागारौल रोड व किरावली मंडी है। इन दोनो मंडी में शनिवार को सरसो 9200 रुपये प्रति क्विंटल तक बिकी हुई है। कागारौल मंडी सचिव के अनुसार शनिवार को मंडी मे अवकाश होने के कारण सरसों की आवक नही हुई पर शुक्रवार को मात्र एक टन सरसों की आवक हुई तो अगस्त माह में सामान्यतया प्रतिदिन 10 से 17 टन रोज रही है। कमोवेश यही हालत किरावली मंडी की है। कहा कि सरसों की कम आवक के चलते सरसों तेल महंगा होने की बात से इंकार नही किया जा सकता है।

सरसों के तेल उत्पादन में आगरा देश मे सबसे अग्रणी है। आगरा में 66 हजार हेक्टेयर में सरसों का उत्पादन होता है। मांग अधिक होने के कारण यहां की प्रमुख खेरागढ़ में कागारौल रोड स्थित मंडी व किरावली मंडी में हरियाणा व राजस्थान से बड़ी मात्रा में सरसों की आवक होती है।
यह भी पढ़ें
- Nikki Tamboli का ग्लैमर तड़का, Viral Video दिखा गजब का बोल्डनेस
- Aryan Khan case | गवाह बोला- 18 करोड़ में हुई डील: रिपोर्ट
- Bollywood Actresses Without Makeup: 10 हैरान कर देने वाली तस्वीरें
- Vegetables Price: Mehengai Ki Maar! आसमान छूते ईंधन, सब्जियों के दाम आम आदमी का बजट बर्बाद
रोज करीब 500 टन सरसों का तेल उत्पादन करने वाली आगरा आयल मिल, बीपी आयल मिल, शारदा आयल मिल व महेश आयल मिल सीधे हरियाणा व राजस्थान मंडी से सरसों क्रय करते हैं। जनपद में छह ओर आयल मिल के अलावा 200 से अधिक स्प्रेलर है, जिनके द्वारा रोज करीब 100 टन तेल का उत्पादन किया जाता है। आगरा का रोज 600 टन सरसों तेल का उत्पादन घटकर 120 टन रह गया है। खेरागढ़ मे कागारौल स्थित मंडी व किरावली मंडी में रोज करीब दो हजार क्विंटल सरसों की आवक होती है।

इस कारोबार से जुड़े लोगों की मानें तो खेरागढ़ में कागारौल रोड स्थित मंडी व किरावली मंडी के आसपास ही बडी मात्रा मे सरसों की जमाखोरी की गई है। यह खेल इन दोनों स्थानों के साथ-साथ जिले में एक दर्जन स्थानों पर ओर चल रहा है। ऐसे ही खेल सरसो के तेल में है। सरसों खरीदने का क्रय केंद्र नहीं है। इसलिए इसका समर्थन मूल्य भी नहीं है। जो फसल आती है उसे नीलामी से बेचते हैं। किरावली में सरसों की लैब में जांच होती है।
तेल के आधार पर उस सरसों के दाम निर्धारित होते है। कुल मिलाकर कुछ व्यापारियों ने फसल की जमाखोरी कर ली तो बाजार में सरसों पहुंच नहीं रही है। कम फसल आवक के चलते सरसों का तेल महंगा बिक रहा है। कारोबारी बताते है कि सोयाबीन की अच्छी आवक की खबरों के बीच कई जमाखोर सरसो की निकासी कर उसे मंडी में बेच रहे है। यही हाल रहा तो सरसों सस्ती होगी।